मौसमी संकट और आपदाएँ (मौसम संबंधी खतरे और आपदाएँ) प्रकृत्तिजन्य अप्रत्याशित ऐसी सभी घटनाएँ जो प्राकृतिक प्रक्रमों को इतना तीव्र कर देती हैं कि विनाश की स्थिति उत्पन्न होती है, चरम प्राकृतिक घटनाएँ या आपदा कहलाती है। इन चरम घटनाओं या प्रकोपों से मानव समाज, जन्तु एवं पादप समुदाय को अपार क्षति होती है। चरम घटनाओं में ज्वालामुखी विस्फोट, दीर्घकालिक सूखा, भीषण बाढ़, वायुमण्डलीय चरम घटनाएँ; जैसे- चक्रवात, तड़ित झंझा, टॉरनेडो, टाइफून, वृष्टि प्रस्फोट, ताप व शीत लहर, हिम झील प्रस्फोटन आदि शामिल होते हैं। प्राकृतिक और मानव जनित कारणों से घटित होने वाली सम्पूर्ण वायुमण्डलीय एवं पार्थिव चरम घटनाओं को प्राकृतिक आपदा कहा जाता है। इन आपदाओं से उत्पन्न विनाश की स्थिति में धन-जन की अपार हानि होती है। प्रमुख प्राकृतिक आपदाओं का वर्णन निम्न प्रकार है:- चक्रवात (Cyclone) 30° उत्तर से 30° दक्षिण अक्षांशों के बीच उत्पन्न होने वाले चक्रवातों को उष्णकटिबन्धीय चक्रवात कहते हैं। ये आयनवर्ती क्षेत्रों में पाए जाने वाला एक निम्न वायुदाब अभिसरणीय परिसंचरण तन्त्र होता है। इस चक्रवात का औसत व्यास लगभग 640 किमी...
प्रिज्मीय कम्पास सर्वेक्षण (Prismatic Compass Surveying) परिचय (Introduction) धरातल पर किन्हीं दो बिन्दुओं को मिलाने वाली सरल रेखा के चुम्बकीय दिशा कोण या दिकमान (magnetic bearing) तथा लम्बाई को मापनी के अनुसार अंकित करके प्लान में उन बिन्दुओं की एक-दूसरे के सन्दर्भ में स्थितियाँ निश्चित करना प्रिज्मीय कम्पास सर्वेक्षण का मूल आधार है। इस सर्वेक्षण में दो बिन्दुओं के मध्य की दूरी को ज़रीब अथवा फीते से मापते हैं तथा उन बिन्दुओं को मिलाने वाली सरल रेखा के चुम्बकीय दिक्मान को प्रिज्मीय कम्पास की सहायता से ज्ञात करते हैं। किसी सरल रेखा के चुम्बकीय दिक्मान से हमारा तात्पर्य चुम्बकीय उत्तर (magnetic north) से उस रेखा तक घड़ी की सुई की दिशा में मापे गये कोण से है। प्रिज्मीय कम्पास के द्वारा किसी क्षेत्र का सर्वेक्षण करने के लिये प्रायः चंक्रमण या माला रेखा विधि (traverse method) का प्...
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